पंधाना की जलावर्द्धन योजना : लापरवाही और भ्रष्टाचार का शिकार

चंद्रशेखर महाजन, खंडवा।


जिले की नगर परिषद पंधाना द्वारा रहवासियों के लिए 12 करोड़ 25 लाख रूपए जल आवर्धन योजना में खर्च किये गए ताकि शहर के पन्द्रह वार्डो में पाइप लाइन सेपानी पहुंचा सके। लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के कारण करोड़ों की योजना फेल होती दिखाई दे रही है। इसका मुख्य कारण कार्यस्थल पर टेक्निकल इंजीनियर का मौजूद ना रहना है।


लापरवाही -


पंधाना में मजदूर और कुछ पेटी कांट्रेक्टर के भरोसे ही इतने बड़े काम को अंजाम दिया गया है, जबकि कल यह काम टेक्निकल इंजीनियर की देखरेख में होना चाहिए। इससे नगर में पाइप लाईन का लेबल एक जैसा होता मगर कहीं १ फीट गहरीकरण तो कहीं २ फीट गहरीकरण कर पाइप डाल दिए हैं। यहां कहीं भी किसी भी जगह पाईप के नीचे बेस नहीं डाला गया।गड्ढों का लेबल और पाइप का ज्वाइंट भी सही नहीं रखा गया है। कहीं लाइने नाली के बीच में से निकाल दी है जिससे बरसात में नालियों का पानी तक अवरुद्ध हो रहा है। वार्डो में बिछ रही पाइप का न तो लेबल सही है और ना ही पाइप के ज्वाइंट को देखा है। सबसे बड़ी बात तो यह कि पाइप बिछाने के लिए वार्डो में बनी नाली तक के बीच में से पाईप लाइन डाल दी है | घरों तक के डिलेवरी पाईपो ने दम तक तोड़ दिया है क्योंकि जब नीले कलर के डिलेवरी पाईपो को डाला गया तो उन्हें नीचे नहीं दबाया। वाहनो ने निकलकर पाइप क्षतिग्रस्त कर दिये।हालात यह हैं कि दौबारा नगर की लाइनों को खोद के दुरस्त करना होगी।


विवाद कई स्थिति बनेगी 


एक बार ठेकेदार ने लाइने डाल दी अब उसमे विवाद की स्थिति भी निर्मित होगी क्योकि लाइने खराब हो चुकी है।ठेकेदार के कर्मचारी ने मनमाने ढंग से कार्य को अंजाम दिया है। जलावर्धन योजना के कार्य को देखकर लोगों का यही कहना है कि करोड़ों गए पानी में। बता दें कि एक दशक पहले भी पीएचई की पाईप लाइन लाखो फूंकने के बाद लोगों को पानी नहीं पिला सकी। इस बार भी उसी प्रकार से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है


खींचतान से रुका काम


मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत करीब 6 साल पहले नगर परिषद द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति 9 करोड़ 46 लाख की तैयार की गई थी। इस पर तकनीकि स्वीकृति, निविदा लागत 12 करोड़ 25 लाख रुपए की निविदा जारी की गई। इस योजना का कार्य आदेश 06/08/2014 को एक साल में मूर्त रूप देने के साथ जारी किया गया। मगर विभागीय खामियों और जनप्रतिनिधियों की खींचतान के चलते योजना काम शुरू के दो वर्षो में रुक गया था। सभी अड़चनें खत्म होने के साथ ही काम सन 2016 में शुरू हो गया। नगर तक पानी लाने के काम में नेशनल इंजीनियरिंग कंपनी नागपुर को अभी और कितने महीने या साल लगने वाले है बताये नहीं जा सकते। जो कार्य सबसे पहले होना चाहिएं इंटेकवेल जहा से पानी नगर में आएगा उसका अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है


क्या पंधाना नगर परिषद को भगवंत सागर परियोजना से इंटेकवेल बनाने स्वीकृति प्राप्त हो पायी है। यह विचारणीय प्रश्न है। जानकारी के अनुसार अभी तक मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना में भगवंत सागर ( सुक्ता डेम ) मे इंटेकवेल बनने की जगह फायनल नहीं हो रही है। जिस जगह इंटेकवेल बनेगा वहा तक जाने के लिये ब्रीज का निर्माण भी अत्यावश्यक होगा। जब तक सुकता डेम में पानी का स्तर कम ना हो तब तक आगामी 6 से 7 महीनो में इंटेकवेल का कार्य नहीं होगा।