# प्रदीप शर्मा.
अभी तक हमने अपने जीवन में चीजों, संपत्ति और माल के बंटवारे में ये आधा -आधा हिस्सा सुना था, अब राजनीति की तंग गलियों में भी ये सुनाई दे रही है। ये तेरा, वो मेरा, इसमें भी आधा और उसमें भी..।
- मुझे समझ नहीं आता कि एक बड़े समाचार पत्र ग्रुप का संचालन करने वाले इसके मसीहा दल राजनीति के बड़े खेल में आपस का बंटवारा करेंगे जो जनसेवा के मामले वाले विभाग हैं। इसे खेल कहना ही मुनासिब है जब जनसेवा या समाज सेवा की राजनीति में सत्ता मिलते ही फिफ्टी-फिफ्टी की लड़ाई हो जाए जबकि एक फिफ्टी से कम आया है।
- कभी चुनाव जीतने की जुगत में यार बने दलों का ये भाईचारा ऐसा कि
छोटा लड़ पड़ा.. और बड़ा नीति और नियमों की दुहाई देता रह गया। इस लड़ाई में बंदर की साहुकारी काम आएगी कुछ ऐसा परिदृश्य सामने अवश्य आ रहा है।
- कभी गैर मराठी के विरोध में मातृभाषा हिंदी के विरुद्ध फतवा देने वालों के सुर इस बार मुंबई में बदलने का अर्थ वो नहीं हो सकता जो शेर की सवारी वाले कहते और करते थे। पदलिप्सा वाली राजनीति के बाद जब यह दौर सामने आया कि न कुर्सी के चार पहिए बंटेंगे, और न ही नियमों के तब
ये लड़ाई यह जरूर बताती है कि राजनीति में कोई किसी का न दोस्त न भाई। सब मतलब की यारी मिलकर बांटो खीर मलाई।