लाॅकडाउन में केपीआर मिल के मालिक ने बिना काम लिए मजदूरों की व्यवस्था बनाए रखी

 


देश में कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने उद्योगपतियों और बड़े व्यापारियों से यह अपेक्षा जताई थी कि वे इस घड़ी में अपने किसी कर्मचारी को काम से नहीं निकालेंगे और उन्हें वेतन व जरूरी मदद भी करेंगे। मगर अधिकांश स्थानों पर इस वर्ग ने अपने यहां सेवा करने वालों का ख्याल नहीं रखा। इसके नतीजन महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य राज्यों से लाखों मजदूर पलायन कर अपने गृहराज्य लौटने को मजबूर हुए।


मगर एक मिल मालिक  ऐसा था जिसने अपने,17500 वर्करों में से किसी एक को भी काम से नहीं निकाला और उनके रहने भोजन आदि सहित मोबाइल फोन को रिचार्ज करने तक की व् की। 


ये के.पी.आर मिल्स के मालिक हैं रामास्वामी और अंडरवियर बनियान बनाते हैं। भारत ही नहीं, दुनिया की बड़ी कंपनियां उन से माल बनवाती हैं। तिरुपुर और कोयंबटूर में उनकी 4 फैक्ट्रियां हैं जिनमें 22000 वर्कर थे। 


"रामास्वामी ने 17,500 हजार जो माइग्रेंट लेबर थी (4500 लोकल, निकट के अपने घर पर रहे) उसको अपनी फैक्ट्री के ही हॉस्टलों में ठहरने को कह दिया और कहा कि जब तक भी lock-down चलेगा तुम लोग चिंता मत करो, तुम्हारा सारा खाना पीना ठहरना, यहां तक की मोबाइल की चार्जिंग भी मेरी तरफ से फ्री।


रामास्वामी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया "प्रति लेबर ₹13500 मासिक का उसका खर्चा आया और इस नाते से कुल 30 करोड रूपया, लगभग 2 महीने में खर्च हो गया। क्योंकि उसने एक भी आदमी की एक भी दिन की सैलरी भी नहीं काटी।"


जब पूछा "आपने इतना नुकसान क्यों सहन किया?"


उन्होंने कहा "मैंने दोनों बातें सोची। एक तो यह मेरी नैतिक जिम्मेवारी थी कि मैं इनको बेरोजगार ना करूं, आखिर मुझे इतना बड़ा बनाने में इन्ही लोगों का ही तो हाथ है।