चंद्रशेखर महाजन, खंडवा। ग्रामीण अंचल में शासन द्वारा जनहितार्थ अनेक विकास कार्य कराए जाते हैं। मगर जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा उच्चाधिकारियों को अंधेरे में रखकर कि तरह लाखों रुपये के बजट चट कर लिया जाता है। इसे मौके पर देखा जा सकता है। यह जिले की जनपद पंचायत छैगाँवमाखन के ग्राम भोजाखेड़ी में देखा गया। जानकारी के अनुसार इस गांव के ग्रामीणों ने जब आरटीआई में जानकारी मांगी तो खेल मैदान की हकीकत सामने आई।
हमारे संवाददाता खंडवा को शिकायत मिली कि ग्राम पंचायत भोजाखेड़ी के सरपंच एवं सचिव की मिलीभगत से अनेक काम ऐसे कराए गए जो जमीन पर नजर नहीं आ रहे हैं। निर्माण कार्यों को देख कर ऐसा लगता है कि इसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया है, क्या यह अधिकारियों के संज्ञान में नहीं है और अगर है तो ऐसे मामलों को उजागर क्यों नहीं किया जाता है ?
यहां ऐसी जानकारी मिली है कि वर्ष 2014 में तत्कालीन सरपंच सचिव द्वारा करीब 10 लाख की लागत से खेल मैदान बनाया गया था लेकिन वह कहीं नजर नहीं आ रहा है। ऐसा लगता है मात्र कागजों में ही यह खेल मैदान होगा ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है ? ग्रामीणों ने आरटीआई से जानकारी ली तो पता चला कि वर्ष 2014 में 10 लाख 28 हजार की लागत से जो खेल मैदान बनना बताया गया है। हकीकत में उस स्थान पर पानी का तालाब मौजूद है यहां आज भी गांव के मवेशी पानी पीते हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने छैगांव माखन जनपद सीईओ ओर खण्डवा कलेक्टर को भी शिकायत की है अब देखना यह है कि सरपंच सचिव और उस समय कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही होती है या नहीं।